धर्म केवल रास्ता दिखाता है लेकिन मंजिल तक तो कर्म ही पहुँचाता है

कोई भी धर्म हमें सत्य,सदाचार, परोपकार एवं समाज के हित के लिए ही सिखाता है. धर्म हमें धैर्य के साथ ही व्यवहार कुशलता भी सिखाता है जो दुनिया के किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए आवश्यक है.
धर्म हमें सच्चाई और ईमानदारी से आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करता है,किन्तु उस मार्ग पर चलना तो हमें ही होगा..  



 

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